मैंने जितना भी अमृता प्रीतम जी के बारे में जाना, अब उतना ही इमरोज जी के बारे में भी जानने का जी चाहता है। वैसे भी अमृता का जिक्र हो तो इमरोज का जिक्र आना लाजमी ही है। अमृता जी के जरिये ही जाना कि इमरोज पंजाब के रहने वाले हैं। पर यह कभी नहीं जाना कि वे पंजाब के किस स्थान के रहने वाले हैं । कल अचानक इमरोज से बात करने का मन हुआ जाने से पहले काल किया तो पता चला कि वे अमृतसर में हैं। मैंने पूछा, वहां कैसे, उन्होंने बताया , मैं तो अमृतसर का ही रहने वाला हूं। मैंने कहा, अरे आप तो मेरे "होम टाउन"पहुंचे हुए हैं। मेरा जन्म अमृतसर हुआ है , वे बड़े खुश हुए यह जानकर कि मेरा अमृतसर से रिश्ता है। अमृतसर के बारे में वे कई बातें बताने लगे कि वहां उनके भाई हैं, वे अमृतसर खासतौर पर भाई की पोती के जन्मदिन पर गये हुए थे। जब फोन पर बात हो रही थी तो पीछे से बच्चों की प्यारी प्यारी आवाजें भी आ रही थी। इमरोज की एक नज्म जो उनकी अगली किताब में आने वाली है। आप भी पड़ें इस नज्म को .......
एक वक्त था जब हमारे पास
सिर्फ़ एक शाम होती
हम रोज शाम के मध्यम हो रहे रंगों में
चलते रहते -----चुपचप
और वक्त पास खड़ा देखता रहता.........
जब हमने हालात को पार कर लिया
वक्त भी हमारे साथ आ मिला........
आज
सुबह के रंगों में दोपहर के रंग
दोपहर के रंगों में शाम के रंग
और शाम के रंगों में रात के रंग......
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
23 comments:
सुबह के रंगों में दोपहर के रंग
दोपहर के रंगों में शाम के रंग
और शाम के रंगों में रात के रंग......
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
दिल को छू जा रही हैं दिल से निकली ये पंक्तियां। इमरोज जी की यह खूबसूरत नज्म पढ़ाने के लिए आभार।
एक वक्त था जब हमारे पास
सिर्फ़ एक शाम होती
हम रोज शाम के मध्यम हो रहे रंगों में
चलते रहते -----चुपचप
और वक्त पास खड़ा देखता रहता.........
जब हमने हालात को पार कर लिया
वक्त भी हमारे साथ आ मिला........
आज
बेहतरीन रचना लिखी है आपने दिल को छू गईं और पुरानी गर्मियों की शाम भी याद आ गई धन्यवाद इमरोज जी की पंक्तियां पढाने के लिए
इमराेज जी काे समझने के िलए अाप से अचछा काे इऍ हाे नहीं सकता कयाें िक अापका अमरता जी से काफी गहरा िरशता है इस िलए अाप ने जाे भाी िलखाा है वह अंदर से िलखा है इस पर िसरफ हम अापकाे साधुवाद ही दे सकते हैं
आज
सुबह के रंगों में दोपहर के रंग
दोपहर के रंगों में शाम के रंग
और शाम के रंगों में रात के रंग......
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
बहुत खूबसूरत पक्तियां हैं.
जिंदगी का पूरा फलसफा है इनमे.
थैंक्स, इमरोज की कुछ अच्छी पंक्तियाँ
पढ़वाने के लिए.
एक वक्त था जब हमारे पास
सिर्फ़ एक शाम होती
हम रोज शाम के मध्यम हो रहे रंगों में
चलते रहते -----चुपचप
और वक्त पास खड़ा देखता रहता.........
जब हमने हालात को पार कर लिया
वक्त भी हमारे साथ आ मिला........
बहुत ख़ूब ये जोड़ी ऐसी जोड़ी है जिनका लिखा चाहे रोज़ पढ़ो और हर बार नया लगेगा।
भाई ओमकार ने कहा है कि इमरोज की नज्म जिंदगी का फलसफा है। इसके बाद कहने के लिए बचता ही क्या है।
वाकई कुछ नही बचा है कहने को.....
nishabd kar diya aapne itni sundar rachna padhwakar....bahut bahut sundar...shabd kam hai inki sundarta ke liya...........
बढिया। आप इमरोज जी से अमृता प्रीतम जी के बारे और पूछताछ करके लिखें। उनके सपने, शौक, इच्छायें और तमाम बातें।
खूबसूरत नज्म पढ़ाने के लिए आभार।आनन्द आ गया!!
बहुत ही लाजवाब दिल को छू गई इनकी नजम
सुबह के रंगों में दोपहर के रंग
दोपहर के रंगों में शाम के रंग
और शाम के रंगों में रात के रंग......
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
" again a very wonedrful writeup and nazam"
Regards
एक वक्त था जब हमारे पास
सिर्फ़ एक शाम होती
हम रोज शाम के मध्यम हो रहे रंगों में
चलते रहते -----चुपचप
और वक्त पास खड़ा देखता रहता.........
जब हमने हालात को पार कर लिया
वक्त भी हमारे साथ आ मिला........
इमरोज जी की यह खूबसूरत नज्म पढ़ाने के लिए आभार।
बहुत अच्छी यादे हैं ...अच्छा लगा पढ़ कर
मानविन्दर जी,
सुन्दर रचना, मीठी यादों के साथ। पढकर मन खुश हो गया।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
aapne imroz se baat ki aur aapki kalam amrita ho chali......main bhi imroz ji se baat karne ki khwwahish rakhti hun,kya aap no dengi?
बड़े कम, सीधे और सहज शब्दों के ज़रिये आप ने बहुत कह दिया है।
नज्म पढ़वाने के लिए आभार
सुबह के रंगों में दोपहर के रंग
दोपहर के रंगों में शाम के रंग
और शाम के रंगों में रात के रंग......
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
aapka blog padha, anya blogs se bahut alag aur bahut sundar hai,
चांद तारों के रंग मिल कर
जिंदगी के आंगन में जिदगी के साथ
रोज खेलते रहते हैं......
bahut sunder rachana
regards
touching
har roz ke jeevan mein rango ka samundar hai,
Imroz ka har rang bahut sundar hai.
...dhanyvad rango ki barsat ke liye.
-mansoor ali hashmi
आपने इमरोज़ के माध्यम से जो दिल की बात कही , वो बहुत अच्छी लगी ।
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