अमृत प्रीतम से शिव कुमार का दिली रिश्ता था। एक दिन बातों
बातों बताया में अमृता जी ने बताया बड़ा प्यार था मेरा वीर। लालकिले पर 26 जनवरी को कई मुशायरे साथ किए
लेकिन फिर इसी तारीख में एक दुख शामिल हो गया।
उसकी बात अमृता की एक कहानी के जरिए करेंगे लेकिन अमृता
का लिखा एक पत्र शिव के लिए किस कदर प्यार और दर्द भरा है।
शिव भाई
आपकी कविता ने मेरे से उतना लिखवाया नहीं है जितना कि रूलाया
है। आपका दर्द हमेशा जीता रहे। पता नहीं यह वरदान है या श्राप। जोााहर से श्राप से
दिखता होगा लेकिन फिर भी इसके अंदर एक वरदान छिपा हुआ है।
जो लिखा है , हाजिर है।
आपकी दीदी, अमृता