प्रेम के अर्थ कब क्या हो जाएं, कुछ नहीं कहा जा सकता। न जाने किस अर्थ को मानते हुए एक बार अमृता जी ने इमरोज को कह दिया, 'तुम तो अभी जवान हो, जाओ कहीं ओर जा कर बस जायो। तुम अपने रास्ते जाओ और मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो।' इमरोज ने जवाब दिया,' तुम जानती तो हो कि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता है, और मेरा अभी मरने का इरादा नहीं है।'अमृता जी कभी कभी दिल से बहुत कमजोर हो उठती, ऐसे ही एक पल में उन्होंने इमरोज को कह दिया'जाओं, तुम दुनिया देख कर आयो, देखो तो इसमें तुम्हारे लिये क्या क्या रखा हुआ है। अगर दुनिया देख कर लौट आये और तुमने मेरा साथ चाहा तो मैं वैसा ही करूंगी जैसा तुम कहोगे 'इमरोज उठे और कमरे को चक्कर काट कर अमृता के पास आ बैठे, बोले, लो मैं दुनिया घूम आया, अब बोलो क्या कहती हो?सालों बाद जब इस बात को इमरोज को मैंने याद दिलाया तो वे हंस दिए क्योंकि आज तो बंदा अगले कदम या अगली गली जा कर रिश्ते को भूल जाता है। मैंने उनसे पूछा कि अब जमाने को क्या हो गया है्, क्यों घट रही है रिश्तों की कद्र, कहां गये कद्रों कीमतों वाले रिश्ते, मेरे सवाल के बाद उन्होंने एक नज्म सुनायी, अमृता जब भी खुश होती
मेरे छोटी छोटी बातों पर
तो वो कहती
वे रब तेरा भला करे
और मै जवाब में
कहता
मेरा भला तो कर भी दिया
रब ने
तेरी सूरत में आ कर
32 comments:
अमृता जब भी खुश होती
मेरे छोटी छोटी बातों पर
तो वो कहती
वे रब तेरा भला करे
और मै जवाब में
कहता
मेरा भला तो कर भी दिया
रब ने
तेरी सूरत में आ कर
बहुत ख़ूब...
बहुत खूबसूरत लिखा है.
उनका रिश्ता, रूह का रिश्ता था.
बल्कि कहना चाहिए, रूह का रिश्ता है.
उन्होंने एक दूसरे को जिया है.
यही सच्चा प्यार है.
बहुत सुंदर
इस जि़क्र को करने वाले का भी रब भला करे।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है।
अमृता जी की यादें दिला दीं आपने ....पंजाब में हमें बिलकुल छोटी क्लास में ही अमृता जी की वह वाली कविता पढ़ने को मिली थी ....अज आखां वारस शाह नूं किते कबरां विचो बोल.....इक रोई सी धी पंजाब दी, तू लिख लिख मारे वैण, अज लखां धीयां रोंदियां...........
बस, तब से ही उन की रचनायें कहीं न कहीं से उठा कर पढ़ ही लेता हूं।
रही बात, रिश्तों की बिलकुल तबाह होती कद्रों-कीमतों की बातें, यह तो होना ही था । अब लिव-इन रिलेशनशिप को हरी झंडी मिल गई, एक ही सैक्स के लोगों में शादी की बातें चल रही हैं...ऐसे में मैडम कहां से आयेंगी ये कद्रें-कीमतें। पश्चिम का इतना प्रभाव हो गया है कि क्या लिखें।
उस देवी अमृता जी की याद दिलाने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया । मुझे वो बहुत अच्छी लगती थीं।
चांद कित्थे लुकया होया सी।
बेहद बढि़या पोस्ट।
bahut sundar likha hai. amrita ji ko jitna padho utna naya milta hai.
इमरोज अमृता संदर्भ में कुछ भी पढ़ो-डूब ही जाते हैं:
और मै जवाब में
कहता
मेरा भला तो कर भी दिया
रब ने
तेरी सूरत में आ कर
--बहुत आभार इस पेशकश का.
और मै जवाब में
कहता
मेरा भला तो कर भी दिया
रब ने
तेरी सूरत में आ कर
bahut sunder
regards
और मै जवाब में
कहता
मेरा भला तो कर भी दिया
रब ने
तेरी सूरत में आ कर
" story of true love great"
Regards
khoobasoorat prastuti .dhanyawad.
बिल्कुल सही बात है -कोई किसी को कब पूछेगा कब नही पता नहीं / एक सज्जन कह रहे थे की जब में बहुत गरीब था तब मुझे कोई रिश्तेदार नहीं पहचानता था /मैंने कहा अब तो सब जानने लगे होंगे =बोले= लेकिन मैं अब किसी को नहीं पहिचानता
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ ""
क्या बात है ....
रब भले ऐसे ही किया करता है
आपका तो जी बस नाम ही काफी है।
Rishton ki pragadhta ka sach. achha laga padhkar.
nice mam
इमरोज, समर्पण का मूर्तरूप
औरत के साथ सोया तो जा सकता हे
औरत के साथ जागना .............
ये शायद इमरोज जी का ही लाइन हे
ya amrita ji ki
i am confused
last time imroj ji came to indore durig that he discused about painting
regards
great work on amrita pritam
best wishes
makrand
उनकी यह बाते हो तो उनसे दूर नही जाने देती ..
मैं कविता आपकी पढ रहा था और अमृता जी की तस्वीर को निहार रहा था जो मेरे मुख के सामने से थोडा हटके लगी हुई है ऐसा लगा कि जैसे साक्षात अमृता जी गा रही हों बेहतरीन रचना है
रिश्ता जब दिल से होता है
तो ऐसे ही होता है
बहुत सुंदर
Wah...बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति..Wah....
वाह बहुत ही सुंदर प्रस्तुति .
badhiya prastuti .dhanyawad.
इन चंद लाइनों मैं ही प्रेम जिस शिद्दत से पेश किया गया है मन के तार झंकृत कर देता है. प्रेम के इस अहसास के लिए बधाई.
मेरे ब्लॉग (meridayari.blogspot.com) पर भी विजिट कीजिये वक़्त मिले तो.
शिवराज गूजर
... असाधारण अभिव्यक्ति है।
'तुम तो अभी जवान हो, जाओ कहीं ओर जा कर बस जायो। तुम अपने रास्ते जाओ और मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो।' इमरोज ने जवाब दिया,' तुम जानती तो हो कि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता है, और मेरा अभी मरने का इरादा नहीं है
wah kya baat hai, phir se shukriya manvender ji aapki panktiyon ke liye
bahut hi achha raha yeh aalekh bhi...saabhaar sahit ......swati
Who knows where to download XRumer 5.0 Palladium?
Help, please. All recommend this program to effectively advertise on the Internet, this is the best program!
Post a Comment